हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स.अ.) – नूर-ए-दरख़्शाँ: अज़मत और मर्तबा
Reading Time: 3 minutesतमाम कायनात अल्लाह तआला की मिल्कियत है, और वह जो चाहता है करता है। उसकी ताक़त और इख़्तियार को कोई कम नहीं कर सकता। लेकिन अहम बात यह है कि अल्लाह ने मासूम इमामों (अलैहिमुस्सलाम) को अपनी तमाम नेमतों और बरकतों का वसीला मुक़र्रर किया है। इसी बुनियाद पर, मासूम इमाम (अलैहिमुस्सलाम) कायनात की किसी…