हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स.अ.) – नूर-ए-दरख़्शाँ: पाकीज़ा तख़्लीक़ और रूहानी दर्जा
Reading Time: 4 minutesहज़रत फ़ातिमा ज़हरा (सलाम अल्लाह अलैहा) की तख़्लीक़ एक बेमिसाल वाक़िया है, जो उनकी अज़मत और पाकीज़गी को उजागर करता है। यह रिवायत शिया और बक़री (अहले सुन्नत) दोनों मक़ातिब-ए-फ़िक्र में नक़्ल की गई है, और सनद के एतिबार से इतनी मोअतबर है कि इस पर फ़तवा दिया जा सकता है। इमाम जाफ़र सादिक़ (अलैहिस्सलाम)…